Saina Nehwal Biography – साइना नेहवाल का जीवन परिचय

परिचय

साइना नेहवाल (जन्म:17 मार्च 1990) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह एक महीने में तीसरी बार प्रथम वरीयता पाने वाली अकेली महिला खिलाड़ी हैं। लंदन ओलंपिक 2012 मे साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। बैडमिंटन मे ऐसा करने वाली वे भारत की पहली खिलाड़ी हैं। 2008 में बीजिंग में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों मे भी वे क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थी। वह बीडबल्युएफ विश्व कनिष्ठ प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वर्तमान में वह शीर्ष महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और भारतीय बैडमिंटन लीग में अवध वॉरियर्स की तरफ़ से खेलती हैं। साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं। उनका विवाह बैडमिंटन खिलाड़ी पी॰ कश्यप से हुआ है।

 

जन्म

साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार, हरियाणा के एक जाट परिवार मे हुआ था। इनके पिता का नाम डॉ॰ हरवीर सिंह नेहवाल और माता का नाम उषा नेहवाल है। साइना नेहवाल ने आठ साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था, जब उनका परिवार हरियाणा से हैदराबाद आ गया।

 

शिक्षा

साइना ने अपनी स्कूल की पढ़ाई की हरियाणा के हिसार के एक स्कूल से की थी, लेकिन उनके पिता का हैदराबाद ट्रांसफर हो जाने की वजह से उनके पूरे परिवार को हैदराबाद शिफ्ट होना पड़ा। बाद में उन्‍होंने अपनी 10वीं की पढ़ाई फॉर्म सेंट ऐनी कॉलेज मेहदीपत्तनम, हैदराबाद से पास की। वे पढ़ाई के साथ ही खेल गतिविधियों में भी सक्रिय रहती थीं। उन्होंने पढ़ाई करने के दौरान कराटे भी सीखे हैं, उन्हें इसमें ब्राउन बेल्ट भी मिला हुआ है।

 

प्रशि‍क्षण

सायना ने शुरुआती प्रशि‍क्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्‍टेडि‍यम, हैदराबाद में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त कि‍या। बाद में उन्‍होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच एसएम आरिफ से खेल के गुर सीखे। बाद में अपने खेल को और निखारने के लिए साइना ने हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद एकेडमी ज्वाइन की।

 

उपलब्धियाँ

सायना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं। अपने 12 साल के बैडमिंटन करियर में साइना नेहवाल ने 24 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीते हैं, जिनमें से ग्यारह सुपरसीरीज़ खिताब हैं। वो ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और विश्व जूनियर चैंपियनशिप – बीडब्ल्यूएफ के प्रत्येक इवेंट में कम से कम एक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं। वे विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन विजेता रह चुकी हैं। ओलिम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का काँस्य पदक जीतने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्‍होंने 2006 में एशि‍याई सैटलाइट प्रतियोगिता भी जीती है।

उन्होंने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरीज़ बैडमिंटन प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।

वर्ष 2015 में नई दिल्ली को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन जापान की युई हाशिमोतो को 44 मिनट में 21-15,21-11 से हराने के साथ ही दुनिया की शीर्ष वरीय खिलाड़ी बनी और फाइनल मैच में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को हराकर 29 मार्च 2015 को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट की महिला एकल ख़िताब की विजेता बनीं।

अप्रैल 2015 में आधिकारिक रूप से उनकी विश्व रैंकिंग 1 घोषित की गई। इस मुकाम तक पहुँचने वाली वे प्रथम भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।

 

पेशेवर जीवन

2006-2009

2006 में, सायना अंडर 19 राष्ट्रीय चैंपियन बनी और दो बार प्रतिष्ठित एशियन सैटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट (इंडिया चैप्टर) जीतकर इतिहास बनाया। वह ऐसा करने वाली पहली खिलाड़ी बनी। 2006 में वह एक 4 सितारा टूर्नामेंट, फिलीपींस ओपन जीतने वाली दूसरे भारतीय महिला बनीं और तभी से वह वैश्विक परिदृश्य पर छा गयीं। 86 वें वरीयता वाली सायना ने टूर्नामेंट में प्रवेश कर, खिताब के लिए मलेशिया की जूलिया वोंग पेई जियान को हराने से पहले दुनिया की नंबर चार जू हुआवे और कई शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों को अचेत करती चली गयी। उसी वर्ष सायना शीर्ष वरीय चीनी खिलाडी वांग यिहान के खिलाफ एक कठिन लड़ाई लड़ी लेकिन हार गए और 2006 बीडब्ल्युएफ विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन प्रतियोगिता की उपविजेता बनीं। वह नौवीं वरीयता प्राप्त जापानी सायाका सातो को 21-9 21-18 हरा कर 2008 विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।

एक बेहद ही रोमांचक तीन गेम के मुकाबले में चतुर्थ वरीय विश्व की पाँचवीं श्रेष्ठ खिलाडी हाँग काँग की वाँग चेन को हराकर ओलम्पिक खेल के क़्वार्टर फाइनल में पहुचने वाली वो प्रथम भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाडी बन गयीं। क़्वार्टर फाइनल में वह 16वीं वरीयता प्राप्त मारिया क्रिस्टीन युलिआंती से एक बेहद कड़े मुकाबले में हार गयीं। सितम्बर 2007 में उन्होंने मलेशिया की लीदिया चिया ली या को 21–8, 21–19 से हराकर योनेक्स चाईनीज़ ताईपे ओपेन का खिताब जीता। साइना को 2007 में मोस्ट प्रॉमिसिंग प्लेयर का खिताब दिया गया। इसके बाद दिसम्बर 2007 में वह विश्व सुपर सीरीज़ के सेमीफाइनल तक पहुँच गयीं।

21 जून 2009 को इंडोनेशिया ओपन जीतकर वह विश्व की सबसे प्रतिष्ठित बी डब्ल्यु एफ सुपर सीरीज जीतने वाली पहली महिला भारतीय खिलाडी बन गयीं। उन्होंने फाइनल में चीन की वाँग लिन को 12-21, 21-17, 21-9 से हराया।

2010

साइना ने सफलतापूर्वक 2010 उबर कप फाइनल के क्वार्टर फाइनल चरण के लिए भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया। साइना विजेता टिने रासमुसेन से हारने से पहले 2010 आल इंग्लैंड सुपर सीरीज के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। शीर्ष वरीयता प्राप्त साइना योनेक्स सनराइज बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2010 में चीन की गैरवरीय खिलाड़ी ली श्यूरुई से हारने से पहले सेमीफाइनल तक पहुंच गईं। साइना के कोच गोपीचंद ने उन्हें घरेलू दर्शकों के भारी समर्थन का खुद पर बहुत अधिक दबाव ना लेने की सलाह दी। साइना ने मलेशिया की वोंग मिउ चू को 2010 इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड में हराकर टूर्नामेंट में अपनी शीर्ष वरीयता को न्यायोचित ठहरा दिया। इस बीडब्ल्युएफ ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट को जीतकर उन्होंने $ 8280 के पुरस्कार राशि जीत ली। नेहवाल सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज 2010 में फिर से नंबर 1 वरीयता प्राप्त कर चीन की विश्व चैंपियन लू लान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। साइना ने सिंगापुर ओपन के फाइनल में चीनी ताइपे की क्वालीफायर ताई जू यिंग को 21-18, 21-15 से हराकर अपने कैरियर का दूसरा सुपर सीरीज खिताब जीता। साइना ने इस बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज टूर्नामेंट को जीतकर 15,000 डॉलर की पुरस्कार राशि जीत ली और अपने कैरियर की शीर्ष वरीयता ३ पर पहुँच गयी।[9] साइना ने जापान की सयाका सातो को एक कठिन खेल में 21-19 / 13-21 / 21-11 से हराकर अपने इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज खिताब का बचाव किया। यह उनका तीसरा सुपर सीरीज़ खिताब और इंडियन ओपन, सिंगापुर सुपर सीरीज के बाद लगातार तीसरा खिताब था। उन्हे फिर से इस बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज टूर्नामेंट को जीतने के लिए $ 18,750 की शीर्ष पुरस्कार राशि मिली। 15 जुलाई 2010 को 64,791.26 अंक के साथ साइना नेहवाल केवल चीन की वांग यिहान से पीछे नंबर 2 पर अपने कैरियर के उच्चतम वरीयता पर पहुंच गईं। दूसरी वरीयता प्राप्त साइना टूर्नामेंट में पसंदीदा खिलाडी थी लेकिन सीधे सेटों में 8-21, 14-21 से चौथी वरीयता प्राप्त चीन की वांग शीझियान से हारकर पेरिस में हो रहे 2010 बीडब्ल्युएफ विश्व प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। हालांकि उन्होंने इस टूर्नामेंट में हैदराबाद में खेले गये अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की लेकिन इस हार के बाद विश्व वरीयता में नंबर 3 पर पहुँच गईं।

2012-2013

22 वर्ष की उम्र में अपने स्विस ओपन खिताब की सफलता पूर्वक रक्षा करते हुए साइना ने फाइनल में चीन की विश्व में दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाडी वांग शिझियान को 21-19, 21-16 से हराया।20 जून 2012 को उन्होंने थाइलैंड की रत्चानोक इंथेनॉन को 19-21, 21-15, 21-10 से हराकर थाइलैंड ओपेन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब अपने नाम किया। इसी वर्ष वह मलेशिया ओपन के सेमीफाइनल और कोरिया ओपन के क़्वार्टर फाइनल में पहुँची थी। अपने तीसरे इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज़ खिताब को जीतते हुए उन्होंने जून में विश्व की नंबर ३ खिलाडी ली श्यूरुई को फाइनल में 13–21, 22–20 21–19 से हराया। इस वर्ष की उनकी सबसे बडी सफलता 4 अगस्त 2012 को 2012 लंदन ओलम्पिक के महिला एकल के काँस्य पदक के रूप में सामने आई जब चीन की उनकी प्रतिद्वंदी वांग झिन ने चोट लगने की वजह से बीच मैच में अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद अक्टूबर में जर्मनी की जुलियान को फाइनल में हराकर उन्होंने डेनमार्क ओपेन खिताब भी जीता।

2014

26 जनवरी 2014 को विश्व प्रतियोगिता की काँस्य पदक विजेता पी वी सिंधु को हराकर साइना इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड की विजेता बनी। मार्च 20114में विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त साइना चीन की वांग शिझियान से क़्वार्टर फाइनल में हारकर 2010 की आल इंगलैंड सुपर सीरीज प्रीमियर से बाहर हो गई। 2014 की ऑस्ट्रेलियन ओपेन सुपर सीरीज़ के सेमीफाइनल में शिझियान को हराकर उन्होंने आल इंगलैंड में हुई हार का बदला ले लिया। फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मरीन को 21-17, 21-11 से हराकर साइना ने ऑस्ट्रेलियन ओपेन सुपर सीरीज़ का खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत से वह विश्व में सातवें पायदान पर पहुँच गईं। इसी तरह से चाइना ओपन सुपर सीरीज़ प्रीमियर में जापान की अकाने यामागुची को 21-12, 22-20 से हराकर यह खिताब जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं।

2015

स्पेन की कैरोलीना मरीन को फाइनल में 19-21, 25-23, 21-16 से हराकर पिछली विजेता साइना ने 2015 का इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब जीत लिया। इसके ठीक पहले आल इंगलैंड बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनते हुए साइना कैरोलिना से ही फाइनल में 21-16, 14-21, 7-21 से हार गयी थीं। 29 मार्चc 2015 को थाइलैंड की रत्चानोक को इंडियन ओपन सुपर सीरीज़ के फाइनल में हराकर वह विश्व की शीर्ष वरीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं।

2107

सायना नेहवाल ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम दिन रविवार को महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सायना ने फाइनल में हमवतन पी.वी सिंधु को मात दी। ऐसे में इस स्पर्धा का रजत पदक भी भारत को ही मिला है। सायना ने भारत की झोली में 26वां स्वर्ण पदक जीता! सायना ऐसे में राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं।

पेशेवर उपलब्धियाँ

एकल खेलीं जीत हार
कुल 442 315 127

युगल खेलीं जीत हार
कुल 33 9 24

एकल प्रतियोगिताएँ
प्रकार कुल खिताब
सुपर सीरीज प्रीमियर 5
सुपर सीरीज 4
ग्रैंड प्रिक्स & गोल्ड 7
कुल 16

प्रतियोगिता वर्ष वर्ष
 

ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक

2008 2012
क्वार्टर फ़ाइनल  कांस्य
राष्ट्रमंडल खेल 2006 2010
 कांस्य  स्वर्ण
राष्ट्रमंडल युवा खेल 2004 2008
रजत स्वर्ण

 

एकल में उपलब्धियाँ

प्रतियोगिता 2007 2008 2009 2010 2011 2012 2013 2014 2015 श्रेष्ठ
बीडबल्युएफ सुपर सीरीज
कोरिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर अनु. अनु. चरण 2 अनु. चरण 2 क़्वा. फा. क़्वा. फा. अनु. क्वार्टर फाइनल (2012, 2013)
मलेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर अनु. अनु. चरण 1 क़्वा. फा. अनु. सेफा सेफा चरण 2 सेफा सेफा(2012, 2013)
ऑल इंगलैंड सुपर सीरीज प्रीमियर चरण 2 चरण 1 चरण 1 सेफा क़्वा. फा. क़्वा. फा. सेफा क़्वा. फा. उपविजेता उपविजेता(2015)
इंडिया सुपर सीरीज लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं चरण 1 चरण 2 चरण 2 क़्वा. फा. विजेता विजेता(2015)
इंडोनेशिया सुपर सीरीज प्रीमियर अनु. चरण 2 विजेता विजेता उपविजेता विजेता सेफा क़्वा. फा. क़्वा. फा. विजेता(2009,2010,2012)
सिंगापुर सुपर सीरीज अनु. सेफा क़्वा. फा. विजेता चरण 2 अनु. क़्वा. फा. चरण 1 अनु. विजेता(2010)
चाइना मास्टर्स सुपर सीरीज अनु. सेफा अनु. अनु. क़्वा. फा. अनु. अनु. लागू नहीं सेमी फाइनल (2008)
जापान ओपन सुपर सीरीज अनु. चरण 1 चरण 1 अनु. सेफा अनु. अनु. अनु. सेमी फाइनल (2011)
ऑस्ट्रेलियन ओपन लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं विजेता क़्वा. फा. विजेता(2014)
डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर चरण 1 अनु. क़्वा. फा. अनु. चरण 2 विजेता क़्वा. फा. क़्वा. फा. विजेता(2012)
फ्रेंच सुपर सीरीज अनु. अनु. क़्वा. फा. अनु. चरण 2 उपविजेता चरण 2 क़्वा. फा. उपविजेता (2012)
चाइना ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर चरण 1 चरण 1 चरण 2 अनु. चरण 1 अनु. चरण 2 विजेता विजेता (2014)
हाँगकाँग ओपन सुपर सीरीज चरण 1 क़्वा. फा. चरण 1 विजेता क़्वा. फा. चरण 2 चरण 2 विजेता (2010)
बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज मास्टर्स फाइनल्स लागू नहीं सेफा अनु. उपविजेता सेफा सेफा उपविजेता (2011)
बीडब्ल्युएफ विश्व प्रतियोगिता लागू नहीं क़्वा. फा. क़्वा. फा. क़्वा. फा. लागू नहीं क़्वा. फा. क़्वा. फा. क्वार्टर फाइनल (2009,2010,2011,2013,2014)
बीडब्ल्युएफ ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड और ग्रैंड प्रिक्स
स्विस ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड चरण 1 चरण 2 क़्वा. फा. अनु. विजेता विजेता सेफा क़्वा. फा. विजेता (2011,2012)
थाईलैंड ओपन चरण 1 क़्वा. फा. अनु. क़्वा. फा. विजेता क़्वा. फा. लागू नहीं विजेता (2012)
मलेशिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड लागू नहीं लागू नहीं क़्वा. फा. उपविजेता उपविजेता (2011)
इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड लागू नहीं चरण 2 विजेता विजेता लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं विजेता विजेता विजेता (2009,2010,2014,2015)
वर्षांत में वरीयता 8 4 4 3 8

 

अन्य सफलताएँ

प्रतियोगिता वर्ष परिणाम
चेकोस्लोवाकिया कनिष्ठ प्रतियोगिता 2003  स्वर्ण
एशियाई सैटेलाइट बैडमिंटन प्रतियोगिता 2005  स्वर्ण
फिलीपीन्स ओपन 2006  स्वर्ण
एशियाई सैटेलाइट बैडमिंटन प्रतियोगिता 2006  स्वर्ण
भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता 2007  स्वर्ण
भारत के राष्ट्रीय खेल 2007  स्वर्ण
2008 चीनी ताइपे ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड 2008  स्वर्ण
भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता 2008  स्वर्ण
2010 बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप 2010  कांस्य

 

पुरस्कार

  • अर्जुन पुरस्कार (2009)
  • राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (2009–2010)
  • पद्म श्री (2010)
  • 2012 लदंन ओलम्पिक में काँस्य पदक के लिए –
    • 1 करोण रूपए हरियाणा सरकार की तरफ से।
    • 50 लाख रूपए राजस्थान सरकार की तरफ से।
    • 50 लाख रूपए आँध्र प्रदेश सरकार की तरफ से।
    • 10 लाख रूपए भारतीय बैडमिंटन संघ की तरफ से।
    • मंगलायतन विश्वविद्दालय की तरफ से डॉक्टरेट की मानक उपाधी

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